Shayari With Ravi Aftab
- misal writez
- Jan 9, 2022
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आँखें नशीली, ज़ुल्फ़ें काली, प्यार के धागे, क्या लिक्खा?
चाल शराबी, होंठ ग़ुलाबी, दिल शब भर जागे, क्या लिक्खा?
इन ख़्वाबों की दुनिया में रह कर, तू ख़ुद को शा'इर कहता है;
तो बता, हवा के झोंके, इश्क़ में धोके, इन से आगे, क्या लिक्खा?
✍🏻~ रवि आफ़ताब
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