जसिंता केरकेट्टा जी से प्रेरित By: Misal
- misal writez
- Jul 31, 2021
- 1 min read
Updated: Aug 6, 2021
एक सवाल
कि कब तलक पूंजी की लूट की मद्य में
उजाड़ते रहोगे सभ्याता
उस सभ्यता को बच जाने से
बच जायेगी असंख्य बेजुबानों के घर,
थम जायेगी अंटार्कटिका के पिघलते बर्फ़
और टल जाएगी जलवायु परिवर्तन के खतरा।
आप इन लाइनों को सुन कर कहेंगे
कि ये भाषा “जल–जंगल– जमीन” की है।
✍️___मिसाल
( जसिंता केरकेट्टा जी से प्रेरित)
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